बिहार के पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने नए साल से पहले ही कर्मचारियों को एक बड़ा तोहफा दिया है। बिहार सरकार ने महंगाई भत्ते (DA) में 7% से 12% तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा। यह फैसला बिहार कैबिनेट की एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया था। इस बढ़ोतरी के साथ कर्मचारियों की उम्मीदों पर भी पानी पड़ा है, जो लंबे समय से इस फैसले का इंतजार कर रहे थे।
DA में 12% तक की वृद्धि
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पांचवे और छठे केंद्रीय वेतनमान में वेतन और पेंशन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को बढ़ी हुई महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। पांचवे वेतनमान के तहत पेंशन और वेतन पाने वाले कर्मचारियों को 1 जुलाई 2024 से 243% की जगह 255% DA मिलेगा, यानी कि इसमें 12% की वृद्धि की गई है।
छठे वेतनमान के कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ
इसके अलावा, छठे वेतनमान के तहत वेतन और पेंशन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और पारिवारिक पेंशन भोगियों को भी DA में बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। इन कर्मचारियों को 1 जुलाई 2024 से 239% की जगह 246% DA मिलेगा, यानी इसमें 7% की वृद्धि की गई है। इस बढ़ोतरी से लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को वित्तीय राहत मिलेगी।
विशिष्ट शिक्षक नियमावली को मंजूरी
बिहार सरकार ने कर्मचारियों के लिए DA बढ़ाने के साथ-साथ विशिष्ट शिक्षक नियमावली को भी मंजूरी दी है। इस निर्णय से राज्य के शिक्षकों को फायदा होगा और उन्हें बेहतर कार्य परिस्थितियां प्राप्त होंगी।
सक्षम परीक्षा में बदलाव और सख्त अनुशासन
बिहार सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अब सक्षमता परीक्षा तीन बार के बजाय पांच बार होगी। इसके साथ ही, बिहार में 85,609 नियोजित शिक्षक बचे हुए हैं। सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर कोई शिक्षक अनुशासनहीनता में लिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे शिक्षकों के बीच एक कड़ी अनुशासन व्यवस्था लागू की जाएगी।
बिहार सरकार का यह कदम कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय राहत लेकर आया है। महंगाई भत्ते में वृद्धि से उनकी जीवनशैली में सुधार होगा और उनके खर्चों को संतुलित करने में मदद मिलेगी। साथ ही, विशिष्ट शिक्षक नियमावली और सख्त अनुशासन नीति से बिहार के शिक्षा क्षेत्र में सुधार की उम्मीद की जा रही है। यह निर्णय राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी सौगात साबित हो सकता है।