अलवर जिले में कड़ाके की ठंड और शीतलहर की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में 7 जनवरी से 11 जनवरी तक छुट्टी की घोषणा की है। यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस अवकाश का उद्देश्य बच्चों को ठंड के प्रतिकूल प्रभावों से बचाना है।
जिला कलेक्टर का महत्वपूर्ण फैसला
जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला ने विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह फैसला लिया है। हालांकि, यह छुट्टियां शैक्षणिक कैलेंडर में समायोजन करके बाद में पूरी की जाएंगी। प्रशासन का यह कदम ठंड के कारण बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सराहनीय प्रयास है।
स्टाफ के लिए दिशा-निर्देश
छात्रों के लिए स्कूल बंद रहेंगे, लेकिन स्कूल का शेष स्टाफ नियमित रूप से अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहेगा। स्कूल के प्रधान और अन्य कर्मचारी इस दौरान शैक्षणिक योजना और प्रशासनिक कार्यों को जारी रखेंगे। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आदेश का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा।
आदेश का सख्त पालन सुनिश्चित
जिला प्रशासन ने विद्यालय प्रधानों को निर्देश दिया है कि वे इस आदेश का पूरी तरह पालन करें। किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर संबंधित प्रधान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों की भलाई और सुरक्षा सर्वोपरि रहे।
बच्चों की सुरक्षा पर जोर
जिला प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतें। बच्चों को घर पर गर्म कपड़े पहनाने और सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है। ठंड के प्रकोप को देखते हुए यह कदम बच्चों की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है।
शैक्षणिक कैलेंडर में बदलाव
इस अवकाश के कारण शैक्षणिक कैलेंडर में बदलाव किया जाएगा। स्कूल प्रशासन को खोए हुए दिनों की भरपाई के लिए वैकल्पिक शैक्षणिक योजनाएं तैयार करनी होंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि बच्चों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े और सत्र सुचारू रूप से चल सके।
अभिभावकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
अवकाश की घोषणा को अभिभावकों और स्थानीय निवासियों ने सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है। उन्होंने इसे बच्चों की सुरक्षा के लिए सही और समय पर लिया गया फैसला बताया है। यह कदम न केवल बच्चों को ठंड से बचाएगा, बल्कि अभिभावकों के मन में भी सुरक्षा का विश्वास बढ़ाएगा।
जिले में बढ़ती ठंड को देखते हुए यह निर्णय आवश्यक और स्वागत योग्य है। बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जिला प्रशासन का यह कदम हर माता-पिता के लिए राहत भरा है। इस दौरान बच्चों को सुरक्षित रखना और उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना सभी की जिम्मेदारी है।